आपको 77 वे स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं
आपको 77 वे स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं पर मुझे कहीं ना कहीं हमारी आजादी अभी अधूरी लगती है मानसिक रूप से आज हम कंपनियों के गुलाम हैं और उनके दिखाए हुए सपनो (कार, कपड़े, बंगले etc) में उलझ कर रह गए हैं। दिन रात मेहनत करते हैं ताकि उनके द्वारा दिखाए गए विज्ञापनों के मापदंड से खुद को मैच कर सकें। किसी की सैलरी 10 हजार हो या एक लाख पर बचता किसी के पास नहीं है क्युकी जिसके पास 10 हजार हैं वो 500 की शर्ट पहनेगा जिसकी एक लाख सैलरी है वो 5000 की शर्ट पहनेगा विज्ञापन ये सुनिश्चित करते हैं की आपके पास कितने भी पैसे हों पर वो आपकी सोच को इतना गिरा दें की पैसों की कमी ही महसूस हो। शारीरिक रूप से हम अपने मन के गुलाम हैं क्युकी आराम के नाम पर हम अपनी आदर्श दिनचर्या की धज्जियां उड़ा चुके हैं।
आज आराम के नाम पर सारी सुविधाएं हमारे घर पर हैं जैसे, कपड़े धोने की मशीन, चटनी/मसाले पीसने के लिए भी अब मशीन है, आने जाने के लिए खुद की कार/बाइक जिससे आने जाने का समय कम लगे। इन सब सुविधाओ ने हमारे जीवन को बहुत आरामदेह बना दिया है पर क्या हम इन सब सुविधाओ का लाभ अपने लिए ले रहे हैं?
हम घर के काम जल्दी निपटा कर क्या करते हैं?
हम कहीं जल्दी पहुंच कर क्या करते हैं?
हम सैलरी में हुई बढ़ोतरी से अपनी लाइफ में क्या बढ़ोतरी करते हैं?
आज कहीं भी कम समय में आने जाने के लिए जो वाहन हमारे घर में हैं उनसे कितने रिश्तेदारों से हम नजदीकी बना कर रख पाते हैं? क्या इन सुविधाओं ने हमारे जीवन को आसान किया है?हमे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है? या इन्होंने हमे अपना गुलाम बना कर रखा हुआ है ये सोचने वाली बात है जिसे मैं आप पर छोड़ता हूं।
आज स्वतंत्रता दिवस पर मैं खुद को इन सब मानसिक और शारीरिक गुलामी से मुक्त करने का प्रण लेता हूं आशा है आप भी किसी एक गुलामी की जंजीर मेरे साथ तोड़ेंगे। आप सभी को खुद के स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐
शिवांश त्यागी